स्टूडेंट्स का अच्छी नींद लेना और स्क्रीन टाइम कम करना आवश्यक
ज्यादा नंबरो का दबाव नहीं, पैरंट्स का साथ है जरूरी- प्
10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा की तारीख करीब आ रही है।बच्चों को पढ़ाई की चिंता पूरे साल रहती है, पर बोर्ड परीक्षा का दबाव अलग ही रहता होता है।ज्यादा नंबर लाने का प्रेशर, दसरों से प्रतिस्पर्धा और भविष्य का आकलन पैरंट्स बोर्ड परीक्षा के नंबरों से तय करने लगतें हैं।क ई बार बच्चे इस तरह के दबाव से तनाव में आ जाते हैं और कुछ ऐसा कदम उठा लेते हैं ,जिसका अफसोस पैरंट्स को जिंदगीभर का दर्द दे जाता है। ऐसे में हम, स्टूडेंट्स को पढ़ाई के दबाव कम करने , सही ढंग से पढ़ने और पैरंट्स के ध्यान रखनें वाली तमाम बातें बता रहें हैं।
पैरंट्स के लिए- भविष्य का डर न दिखाए- पार्थिका मेंटल वेलनेस सेंटर की क्लीनिकल साइकोलाजिस्ट प्रीती त्रिपाठी के बताती हैं कि अक्सर आपने पैरंट्स को बच्चों से बात करते सुना होगा कि इस बार तुम्हें परीक्षा में अच्छे नंबर लाने होंगें। वे अपने बच्चे की तुलना दूसरे से करते है या उन्हे समाज का डर दिखानें लगतें हैं कि ज्यादा नंबर नहीं लाये तो अच्छी नौकरी नहीं मिलेगी ।हालांकि पैरंट्स को ये समझना चाहिए कि हर बच्चे की शारीरिक और मानसिक स्थिति अलग होती है।ऐसे में ज्यादा नंबर लाने का दबाव बनाया तो उसे तनाव में डाल सकता है।पैरंट्स को समझना होगा कि आपके बच्चे की कीमत नंबरों से कही ज्यादा अधिक है।आपको बस उन्हें पूरी ईमानदारी से मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।इससे बच्चों में ये डर नही रहेगा कि अगर नंबर अच्छे नहीं आए तो मैं अपने पैरंट्स का सामाना कैसे करूंगा।
बच्चों के लिए समय निकालें।
बोर्ड परीक्षा में बच्चों को लगता है कि जितना ज्यादा घंटे पढ़ाई करेंगे, नंबर उतने अच्छे आयेंगे। ऐसा बात सोचने भर से उनके दिमाग पर बुरा असर पडता है।ऐसे में अभिभावक को उनका दोस्त बनना चाहिए। इसके लिए आप उनके साथ समय व्यतीत करें।उनकी समस्याओं को हल कराने में मदद करें।अपने बोर्ड परीक्षा में आप कैसे तैयारी करते थे, लोग आपको किन बातों से डराते थे , आपने उनका समाधान कैसे निकाला , इस तरह का अनुभव साझा करें।
खान-पान पर रखें विशेष ध्यान- बहुत से बच्चे परीक्षा के दबाव में ठीक से खानपीना बंद कर देते है या उनकी खुराक कम हो जाती है।इसका असर उनकी पढ़ाई पर पडता है। ऐसे में बच्चों खुराक में पर्याप्त मात्रा में ड्राइफूट्स, ताजे फल, हरी सब्जियों को सामिल करें।
स्टूडेंट्स के लिए –
तनाव को हावी ना होने दें- तनाव हमेंशा नुकसानदायक नहीं होता है।कुछ हद तक वह हमें मोटिवेट भी करता है।जो
बच्चा परीक्षा का बिल्कुल तनाव नही ले रहा है इसका मतलब कि उसका मन पढ़ाई में नहीं लग रहा है। कुलमिलाकर पढ़ाई का थोड़ा तनाव ठीक है, जो आपको एकाग्र होने के लिए प्रेरित करताहै, लेकिन ध्यान रहे वह किसी भी तरह से हावी न हो।
ब्रेक लेना आवश्यक है- वैज्ञानिक नियम है कि अगर आप पढ़ रहे हैंतो 45 मिनट के बाद एक 5 मिनट का ब्रेक लें।उस ब्रेक आप पानी पीयें। थोड़ा टहल लें।6 से 8 घंटें की नींद जरूर लें।